राम के भक्तों राम के प्यारो, राम को समझो राम को जानो ।
छोड़ो भी यह शोर शराबा , राम के नाम पर खून खराबा ।
राम के पद चिन्हो का करो सम्मान ,कैसे बने राम से "श्री राम" ।
राम के नाम पर कुछ करते हैं, स्वार्थ सिद्धि ।
क्यों नहीं बनते राम की तरह त्याग के मूर्ति ।
राम ने त्यागा जिस धरा को अपने पितृ वचन के नाम ।
उसी धरा को राम के नाम करते हो बदनाम ।
फिर त्यागा उसने सीता को संसार के नाम ।
तभी बने वे आदर्श हमारे राम से श्रीराम ।
माना इतिहास था शर्मनाक जब हुआ हर हिन्दू का अपमान।
राम के वास्ते इतिहास न दोहराओ न बनाओ इसे दर्दनाक ।
वह राम नहीं जो एक जगह हो स्थापित् नहीं यह उनकी प्रकृति।
राम का तो वास् वही रोम रोम मे राम,आओ करले इनकी भक्ति ।
आओ बनाये एक इतिहास बनाये राम को प्रेम का पर्याय ।
प्रेम और त्याग के मूर्ति का करे मन मे वरण ।
और करे उनके गुणों का अनुसरण ।
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